ढगवार में 225 करोड़ की लागत से बनने वाले अत्याधुनिक मिल्क प्लांट की आधारशीला रखेंगे मुख्यमंत्री
बहुरेंगे दूध उत्पादकों और पशुपालकों के दिन, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगा बल
धर्मशाला, 22 जनवरी। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू 23 जनवरी (बृहस्पतिवार) को धर्मशाला के ढगवार में 225 करोड़ रूपये की लागत से बनने वाले अत्याधुनिक मिल्क प्लांट की आधारशीला रख निर्माण कार्य का शुभारंभ करवाएंगे। इसके बाद मुख्यमंत्री दोपहर 12 बजे मेला ग्राउंड दाड़ी में जनसभा को भी संबोधित करेंगे। हिमाचल प्रदेश सरकार ढगवार में 1.5 लाख लीटर प्रतिदिन (एलएलपीडी) की प्रारंभिक क्षमता वाला एक स्वचालित दूध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित कर रही है, जिसे 3 लाख लीटर प्रतिदिन (एलएलपीडी) तक बढ़ाया जा सकता है। उपायुक्त कांगड़ा हेमराज बैरवा ने बताया कि ढगवार में बनने जा रहे मिल्क प्लांट से दूध उत्पादकों और पशु पालकों के दिन बहुरेंगे।
*सहकारी समितियां की जा रही गठित
उपायुक्त ने बताया कि इस संयंत्र के लिए दूध की खरीद प्रमुखतः चार जिलों कांगड़ा, ऊना, चंबा और हमीरपुर पर केंद्रित होगी, जिससे लगभग आधा हिमाचल प्रत्यक्ष रूप से लाभांवित होगा। दूध के संग्रहण के लिए जिला कांगड़ा सहित अन्य जिलों में भी सहकारी समितियों के गठन पर जोर दिया जा रहा है। इस पहल से आजीविका के नए अवसर पैदा होने के साथ डेयरी फार्मिंग की लाभप्रदता में सुधार होगा और क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान मिलेगा। उन्होंने बताया कि इस प्लांट के बनने से स्थानीय डेयरी किसानों के बीच व्यापक भागीदारी और समावेशिता सुनिश्चित होगी।
*यह उतपाद होंगे निर्मित
बकौल डीसी, यह अत्याधुनिक सुविधा दूध, टोंड दूध, डबल टोंड दूध, फ्लेवर्ड दूध, दही, पनीर, लस्सी, खोआ और मोजेरेला चीज सहित मूल्यवर्धित डेयरी उत्पादों का उत्पादन करेगी। ढगवार स्थित दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र के स्तरोन्नयन से इन क्षेत्रों में दूध की खरीद, प्रसंस्करण और विपणन प्रणाली सुदृढ़ होगी।
*ग्रामीण अर्थव्यवस्था होगी मजबूत
हेमराज बैरवा कहते हैं कि दूध उत्पादन के व्यवसाय को लाभप्रद बनाने के लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा ‘हिम गंगा’ योजना की घोषणा की गई है, जिसका उद्देश्य राज्य में दूध आधारित अर्थव्यवस्था विकसित करना है। उन्होंने बताया कि इस संयंत्र का उद्देश्य हिमाचल प्रदेश के पशुपालकों को उनके दूध के लिए एक विश्वसनीय बाजार प्रदान करके सीधे लाभ पहुंचाना है। उच्च गुणवत्ता वाले डेयरी उत्पादों के उत्पादन के माध्यम से दूध के मूल्य को बढ़ाकर, यह संयंत्र पशुपालकों की आय को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगा, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
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बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के 10 वर्ष पूरे होने पर निकाली रैली
एडीसी बोले... बेटियों की महत्ता का नहीं कर सकते बखान, उनके लिए जितना करें उतना कम
धर्मशाला, 22 जनवरी। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के सफलतापूर्ण 10 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य पर धर्मशाला में एक जागरूकता रैली निकाली गई। अतिरिक्त उपायुक्त विनय कुमार ने महिला एवं बाल विकास द्वारा आयोजित इस रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। एडीसी ने इस दौरान बेटी बचाओ बेटी बचाओ अभियान को और सुदृढ़ व सफल बनाने के लिए हस्ताक्षर अभियान का भी शुभारंभ किया तथा अभियान के तहत सेल्फी प्वाइंट पर चित्र लिया।
अपने संबोधन में एडीसी ने जिले में आंगनवाडी कार्यकर्ताओं द्वारा किए जा रहे प्रयासों और उनके परिश्रम की सराहना की। उन्होंने कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान देश के अति महत्वपूर्ण अभियानों में से एक है। उन्होंने कहा कि इस अभियान के माध्यम से समाज में बेटियों को लेकर व्यापक स्तर पर जागृति और चेतना आई है। उन्होंने कहा कि बेटियों की महत्ता का बखान करना शायद ईश्वर के लिए भी कठिन हो। बेटियों के लिए हम जितना कर सकें वे हमेशा कम ही रहेगा, इसलिए इस अभियान की सार्थकता तभी सिद्ध होगी जब प्रत्येक जन इस विषय को लेकर जागृत होगा और हमें तब तक कार्य करते रहना है।
उन्होंने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और अन्य कर्मचारियों को और अधिक कर्तव्य परायणता से कार्य करने के लिए भी प्रेरित किया। इस रैली में जिला कार्यक्रम अधिकारी अशोक शर्मा, बाल विकास परियोजना धर्मशाला रमेश जागवान सहित विभाग के कर्मचारी और तकरीबन दो सौ आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।
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कचहरी चौक पर सीएम ने ली चाय की चुस्कियाँ
एक दुकान से 500 रुपए में पपीते और संतरों की ख़रीददारी की
DHARAMSHALA-22.01.25-एक बार फिर आम आदमी की तरह, मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज धर्मशाला के कचहरी चौक के पास ढागरू स्वीट शॉप पर चाय की चुस्कियाँ लीं। मुख्यमंत्री शाम क़रीब साढ़े पाँच बजे कचहरी चौक पहुँचे और सबसे पहले उन्होंने एक रेहड़ी से 50 रुपए की मूँगफली ख़रीदी और दुकानदार से बातचीत की। पालमपुर के पास चाँदपुर के रहने वाले रेवड़ी लगाने वाले रमेश चंद ने बताया कि वह वर्ष 1990 से यहाँ अपनी रेहड़ी लगा रहे हैं और इसी दुकान से अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने स्थानीय दुकानदारों से बातचीत भी की और उनका कुशलक्षेम पूछा। इसके बाद वह अमरजोत की सब्ज़ी की दुकान पर गए और उससे पपीते और संतरे ख़रीदे, जिसके उन्होंने 500 रुपए भी चुकाए। बातचीत में अमरजोत ने बताया कि वह खुद दुकान करती है क्योंकि पिता का देहांत हो चुका है और परिवार में कमाने वाला कोई नहीं है। परिवार के सभी भाई बहन उससे छोटे हैं और सब्ज़ी व फल की दुकान करती है। साथ ही उसकी बहन की जूस की दुकान भी है। मुख्यमंत्री परिवार से मेहनत से बहुत प्रभावित हुए और कहा कि आप पूरी मेहनत करें, राज्य सरकार परिवार की पूरी मदद करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सभी जरुरतमंद वर्गों के लिए योजनाएं बनाई हैं और इनका लाभ पात्र व्यक्तियों तक पहुंचाया जाएगा।