बिलासपुर, 18 मार्च। राज्य स्तरीय नलवाड़ी मेले के अंतर्गत आयोजित तीन दिवसीय कहलूर लोक उत्सव का भव्य शुभारंभ सोमवार को एसडीएम बिलासपुर अभिषेक गर्ग ने किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पारंपरिक लोक संस्कृति किसी भी समाज की पहचान होती है, और उसे सहेजना हमारी जिम्मेदारी है। इस तरह के आयोजन हमारी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने और नई पीढ़ी तक पहुँचाने में सहायक सिद्ध होते हैं।

लोक संस्कृति की झलक

उत्सव के पहले दिन विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ आकर्षण का केंद्र रहीं। स्थानीय लोक कलाकारों द्वारा गिद्दा, संस्कार गीत, लोक गीत और गुगा गाथा की प्रभावशाली प्रस्तुतियाँ दी गईं, जिन्होंने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कलाकारों ने पारंपरिक वाद्ययंत्रों की मधुर ध्वनि के साथ नृत्य और गायन के माध्यम से हिमाचली लोक संस्कृति की जीवंत झलक पेश की।

नशे के दुष्प्रभावों पर विशेष संदेश

कार्यक्रम के दौरान समाज में बढ़ते नशे के दुष्प्रभावों पर विशेष संदेश दिया गया। विशेषज्ञों और कलाकारों ने नाटकों और संवादों के माध्यम से युवाओं को नशे से दूर रहने और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने का आह्वान किया। साथ ही, योग एवं ध्यान के महत्व पर भी जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें प्रतिभागियों को मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के उपाय बताए गए।

स्थानीय प्रतिभाओं को मंच

इस आयोजन में स्थानीय कलाकारों और सांस्कृतिक दलों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिला, जिससे उनकी कला को पहचान मिली और उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली। इसके अलावा, विभिन्न स्कूलों और संस्थानों के छात्रों ने भी लोकगीतों और पारंपरिक नृत्यों में हिस्सा लेकर उत्सव की शोभा बढ़ाई।

विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति

कार्यक्रम में स्थानीय गणमान्य व्यक्तियों, प्रशासनिक अधिकारियों, संस्कृति प्रेमियों और बड़ी संख्या में आम जनता ने भाग लिया। सभी ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे उत्सव सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के साथ-साथ हमारी संस्कृति और परंपराओं को जीवंत रखने का कार्य करते हैं।

तीन दिवसीय कहलूर लोक उत्सव में अगले दो दिनों तक विभिन्न रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें हिमाचल प्रदेश सहित अन्य राज्यों के लोक कलाकार भी अपनी प्रस्तुतियाँ देंगे।