मंडी जिला में इन्दिरा गांधी सुख शिक्षा योजना में 3705 पात्र बच्चों की पहचान

शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण संबंधी खर्चों के लिए प्रतिमाह मिलेगा 1000 रुपये का अनुदान

MANDI, 06.04.25-मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की दूरदर्शी और संवेदनशील सोच प्रदेश के पिछड़ों और जरूरतमंदों के लिए सहारा बन कर उभर रही है। सत्ता संभालते ही बिना माता-पिता के निराश्रित बच्चों के लिए मुख्यमंत्री सुख‌-आश्रय योजना लाकर मसीहा बन कर उभरे मुख्यमंत्री गरीब और असहाय वर्गाें के कल्याण के लिए सत्ता संभालने के उपरांत कई योजनाएं शुरू कर चुके हैं और लाखों लोग इन योजनाओं से लाभान्वित भी हो रहे हैं।
विधवा, बेसहारा, तलाकशुदा महिलाओं और दिव्यांग माता-पिता के बच्चों का दर्द समझते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपनी सरकार के दो साल पूरे होने पर एक नयी योजना शुरू की है जिसका नाम है सुख शिक्षा योजना। इस योजना के तहत आर्थिक रूप से असहाय महिलाओं और दिव्यांग माता-पिता के ऐसे बच्चे जो परिवार की आर्थिक स्थिति के कारण अपनी पढ़ाई जारी नहीं रख सकते हैं और जिनका सही ढंग से पालन पोषण नहीं हो रहा है, उनकी सहायता करने का प्रावधान किया गया है। उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य पारिवारिक स्तर पर बाल संरक्षण को सुदृढ़ करना और बाल शोषण, तस्करी, बाल विवाह और मादक पदार्थों के दुरूपयोग जैसे मुद्दों को रोकना है। योजना के अंतर्गत चयनित इन 3705 बच्चों को 18 वर्ष की आयु तक प्रदेश सरकार से शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण संबंधी खर्चों के लिए प्रतिमाह 1000 रुपये का अनुदान मिलेगा।उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य पारिवारिक स्तर पर बाल संरक्षण को सुदृढ़ करना और बाल शोषण, तस्करी, बाल विवाह और मादक पदार्थों के दुरूपयोग जैसे मुद्दों को रोकना है। योजना के अंतर्गत चयनित इन 3705 बच्चों को 18 वर्ष की आयु तक प्रदेश सरकार से शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण संबंधी खर्चों के लिए प्रतिमाह 1000 रुपये का अनुदान मिलेगा।
व्यवस्था परिवर्तन के संकल्प के साथ हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने की दृष्टि से प्रदेश सरकार जहां सार्थक कदम उठा रही है, वहीं सामाजिक सरोकारों को भी सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान की गई है। लाभार्थियों का कहना है कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू द्वारा प्रत्येक वर्ग के हितों की रक्षा के लिए किया जा रहे ऐसे प्रयास वंचित वर्गों को मुख्यधारा में शामिल करने में निश्चित ही सार्थक सिद्ध होंगे।