राष्ट्रीय पाइथियन गेम्स में अंब के साहिल शर्मा ने जीता रजत पदक
उपायुक्त ने उपलब्धि के लिए किया सम्मानित
ऊना, 16 दिसम्बर। हिमाचल प्रदेश पाइथियन काउंसिल के अध्यक्ष और पाइथियन काउंसिल इंडिया के अतिरिक्त महासचिव एवं उपायुक्त ऊना जतिन लाल ने सोमवार को राष्ट्रीय सांस्कृतिक पाइयिथन गेम्स 2024 की गायन प्रतियोगिता में रजत पदक विजेता साहिल शर्मा को अपने कार्यालय में शॉल और टोपी पहनाकर सम्मानित किया। उन्होंने साहिल और उसके परिवार को इस उपलब्धि की बधाई दी। इस दौरान साहिल के पिता राजेश शर्मा भी साथ रहे। उन्होंने हौसला अफजाई के लिए उपायुक्त का आभार जताया।
उपायुक्त ने बताया कि पाइथियन खेलों की गायन प्रतियोगिता के फाइनल राउंड में 10 प्रतिभागी चुने गए थे जिसमें ऊना जिले के अंब के 19 वर्षीय साहिल शर्मा ने रजत पदक हासिल किया। ग्रीस में आयोजित होने वाली अंतरराष्ट्रीय पाइथियन खेलों के लिए भी साहिल शर्मा का चयन हुआ है।
जतिन लाल ने कहा कि राष्ट्रीय पाइथियन गेम्स से हिमाचल के युवाओं के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाने का बेहतरीन मौका मिला। जल्द ही हिमाचल प्रदेश से पाइथियन खेलों की विभिन्न प्रतियोगितओं के विजेताओं को ऊना बुलाकर सम्मानित किया जाएगा।
उपायुक्त ने बताया कि राष्ट्रीय पाइथियन गेम्स का आयोजन 12 से 15 दिसम्बर तक पंचकुला के ताऊ लाल स्टेडियम में किय गया, जिसमें ऊना जिला के साथ-साथ हिमाचल के 110 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था। उन्होंने बताया कि पाइथियन खेलों में संगीत, नृत्य, गायन, कविता, ड्राइंग और पेंटिंग, पारंपरिक खेल म्यूजिकल चेयर, रोलर म्यूजिकल चेयर, बोरी रेस, मल्लखंब, योग, आर्म रेसलिंग, रस्साकशी और टेनिस वॉलीबॉल, मार्शल आर्ट गतका, ताइक्वांडो, कराटे, बागटूर और मयथाई और प्राचीन खेल गदायुद्ध का पुनरुद्धार, ई-स्पोर्ट्स, 50-बॉल क्रिकेट खेलें आयोजित हुई थीं।
साहिल शर्मा इससे पहले भी अंतरराष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अनेक पदक जीत चुके हैं। साल 2023-2024 में नेपाल में हुई अंतर्राष्ट्रीय नृत्य और गायन प्रतियोगिता में रजत पदक के अलावा वे खंडवा में हुई राष्ट्रीय नृत्य एवं गायन चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक तथा अंतरराज्यीय विश्वविद्यालय प्रतियोगिता में दो स्वर्ण पदक और 2019 में वॉयस ऑफ हिमाचल (जूनियर) के विजेता रहे हैं। इसके अलावा भी वे अनेक प्रतियोगिताओं में पदक विजेता रहे हैं।
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जिला प्रशासन ऊना ने घने कोहरे और शीतलहर के दृष्टिगत जनहित में जारी की एडवाइजरी
ऊना, 16 दिसंबर. जिला प्रशासन ऊना ने घने कोहरे और शीतलहर के दृष्टिगत जनहित में एडवाइजरी जारी की है। इसके जरिए प्रशासन ने बढ़ती ठंड और घने कोहरे के मद्देनजर लोगों से स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर कुछ आवश्यक सावधानियां बरतने का आग्रह किया है। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष उपायुक्त जतिन लाल ने कहा कि तापमान में लगातार गिरावट के चलते आगामी दिनों में शीतलहर और धुंध का असर और बढ़ सकता है। ऐसे में सुरक्षा और बचाव की दृष्टि से आवश्यक सावधानियां बरतना जरूरी है।
यातायात के लिए जरूरी सावधानियां
यातायात के लिए जरूरी सावधानियों की बात करते हुए उपायुक्त ने सभी वाहन चालकों से गति नियंत्रित रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि घने कोहरे में वाहन धीमी गति से चलाएं ताकि दुर्घटनाओं से बचा जा सके। साथ ही लाइट का सही उपयोग करें। गाड़ी की लाइट को लो बीम पर रखें। यदि दृश्यता बहुत कम हो, तो फॉग लाइट का प्रयोग करें। वाहनों के बीच पर्याप्त दूरी रखें ताकि अचानक रुकने की स्थिति में दुर्घटना न हो। सड़क पर पेंट की गई लाइन का उपयोग एक गाइड के रूप में करें। वाहन चलाते समय मोबाइल फोन और तेज आवाज में संगीत न सुनें।
शीतलहर से बचाव के उपाय
एडवाइजरी में जिला वासियों से यह भी आग्रह किया गया है कि शीतलहर के दौरान यथासंभव घर के अंदर ही रहें। बाहर निकलते समय सिर, कान, हाथ, पैर और नाक को अच्छी तरह ढक कर निकलें। रेडियो, टीवी और समाचार पत्रों से मौसम के पूर्वानुमान की जानकारी लेते रहें। कई स्तरों वाले ऊनी कपड़े पहनें ताकि शरीर की गर्मी बरकरार रहे। शरीर को गर्म रखने के लिए पोषक आहार और गर्म पेय का सेवन करें। हीटर, कोयले की अंगीठी या केरोसिन के उपयोग के दौरान कमरे में वेंटिलेशन का उचित प्रबंध करें। अपने सिर को ढक कर रखें, क्योंकि ठण्ड में सिर के माध्यम से ऊष्मा का अभाव हो सकता है। अपने मुहं को भी ढक कर रखें, इससे आपके फेफड़ों को ठण्ड से सुरक्षा मिलेगी। कम तापमान में कठिन काम न करें, क्षमता से अधिक शारीरिक कार्य न करें, इससे हृदयघात का खतरा उत्पन्न हो सकता है।
स्वास्थ्य संबंधी सावधानियां
उपायुक्त ने लोगों से स्वास्थ्य लेकर भी सजग रहने को कहा है। उन्होंने कहा कि शरीर के अंगों का सुन्न होना, हाथ-पैर की उंगलियों, कान और नाक पर सफेद या पीले दाग दिखना शीतदंश के लक्षण हो सकते हैं। अत्यधिक ठिठुरना, सुस्ती, थकान, स्मृति कमजोर होना या तुतलाना हाइपोथर्मिया के संकेत हैं। यदि किसी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
उपायुक्त ने सभी नागरिकों से मौसम की गंभीरता को समझने, सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर सतर्कता बरतने और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की है।
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लिटिगेशन मैनेजमेंट सिस्टम पर 6 दिवसीय कार्यशाला आरंभ
ऊना, 16 दिसम्बर। हिमाचल प्रदेश के डिजिटल प्रौद्योगिकी और शासन विभाग द्वारा लिटिगेशन मैनेजमेंट सिस्टम के तहत जिला स्तर पर विभिन्न विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। इस कड़ी में, ऊना जिले में सोमवार को 6 दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। उपायुक्त ऊना जतिन ने बताया कि 16 से 21 दिसंबर तक चलने वाली इस कार्यशाला के दौरान जिलास्तर पर सभी विभागों को लिटिगेशन मैनेजमेंट सिस्टम (एलएमएस) के संबंध में प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण का शेड्यूल सभी विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए जारी कर दिया गया है, और यह संबंधित विभागों के साथ साझा भी किया गया है। उपायुक्त ने विभागों, बोर्डों और निगमों के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे निर्धारित शेड्यूल के अनुसार प्रशिक्षण कार्यक्रम में समय पर उपस्थित हों।
कार्यशाला के पहले दिन 16 दिसंबर सोमवार को राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआइसी) के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम में ई-जिला प्रबंधक ऊना साहिल शर्मा ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों को लिटिगेशन मैनेजमेंट सिस्टम के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने जिला कोर्ट, उच्च कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में दायर होने वाले मामलों को लिटिगेशन मैनेजमेंट सिस्टम पर एंटर करने और उनकी मॉनिटरिंग के बारे में जागरूक किया। साहिल शर्मा ने कहा कि सभी अधिकारियों को अपने विभाग से संबंधित कोर्ट केसों को एलएमएस पर दाखिल करना सुनिश्चित करना चाहिए ताकि वे समय पर इन मामलों की मॉनिटरिंग कर सकें।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का शेड्यूल
साहिल शर्मा ने प्रशिक्षण के लिए निर्धारित शेड्यूल की जानकारी देते हुए बताया कि 17 दिसम्बर को टाउन एंड कंट्री प्लानिंग, शहरी विकास, लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग, हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड, सीआईडी, होम गार्ड, जेल विभाग, नागरिक आपूर्ति विभाग, 18 दिसम्बर को आबकारी एवं कराधान, राजकोष और लेखा विभाग, सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण विभाग, कोऑपरेटिव सोसाइटी, फॉरेस्ट विभाग, मत्स्य विभाग, फूड एंड सिविल सप्लाई, पर्यटन, उद्योग विभाग, 19 दिसम्बर को खेल विभाग, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, स्वास्थ्य विभाग, तकनीकी शिक्षा, एचआरटीसी, विजिलेंस, ट्रांसपोर्ट, इलेक्ट्रिकल, पर्यावरण और विज्ञान प्रौद्योगिकी, अग्निशमन विभाग, भाषा और संस्कृति विभाग, राज्य लेखा, अर्थशास्त्र और सांख्यिकी व चुनाव और 20 दिसम्बर को एससी, ओबीसी, अल्पसंख्यक और विशेष रूप से सक्षम लोगों के सशक्तिकरण, ऊर्जा, इस्टेट, श्रम एवं रोजगार, योजना, मुद्रण और सामग्री विभाग, अभियोजन, सैनिक कल्याण, जनजातीय विकास तथा 21 दिसम्बर को सभी बोर्डों और निगमों के अधिकारियों के लिए लिटिगेशन मैनेजमेंट सिस्टम पर जागरूकता प्रशिक्षण आयोजित किया जाएगा।
पहले दिन की कार्यशाला में जिला आयुष, स्वास्थ्य, उच्च शिक्षा, पुलिस, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज, प्रारंभिक शिक्षा, पशुपालन, उद्यान, कृषि और राजस्व विभागों के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।
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बगीचों को कोहरे से कैसे बचाएं...बागवानी विभाग के उपनिदेशक ने सुझाए उपाय
ऊना, 16 दिसंबर. सर्दियों के मौसम में हिमाचल के मैदानी इलाकों में कोहरे का प्रकोप बगीचों और फसलों पर गंभीर असर डालता है। खासकर आम और पपीता जैसे फलदार पौधों के कोहरे की चपेट में आकर खराब होने का खतरा बढ़ जाता है, जिससे किसानों और बागवानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। ऊना जिले के बागवानी विभाग के उपनिदेशक डॉ. के.के. भारद्वाज ने इस समस्या से निपटने के लिए बागवानों को कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। डॉ. भारद्वाज बताते हैं कि कोहरे के कारण पौधों की कोशिकाएं फट जाती हैं, जिससे फल खराब हो जाते हैं और फूल झड़ने लगते हैं। यदि समय रहते उचित कदम न उठाए जाएं, तो इसका असर आने वाले वर्षों में भी देखा जा सकता है, जब पौधों की पैदावार घट जाती है या फसल बिल्कुल नहीं लगती। सब्जियों पर भी कोहरे का असर इतना गंभीर होता है कि कई बार पूरी फसल नष्ट हो जाती है।
कोहरे के कारण पौधों को हो रहे नुकसान को रोकने के लिए डॉ. भारद्वाज ने सलाह दी कि 4-5 वर्ष तक के छोटी आयु के पौधों को घास या सरकंडे से ढक दें और उन्हें दक्षिण-पश्चिम दिशा से खुला रखा जाए, ताकि धूप और हवा का प्रवाह बना रहे। उन्होंने कहा कि कोहरा पड़ने की संभावना हो तो पौधों पर पानी का छिड़काव करें और बगीचे को सिंचित रखें। खाद प्रबंधन पर जोर देते हुए उन्होंने बताया कि सर्दियों में नाइट्रोजन खाद न डालें, बल्कि पौधों की सहनशक्ति बढ़ाने के लिए पोटाश की अनुशंसित मात्रा दें। नर्सरियों को कोहरे से बचाने के लिए घास या छायादार जाली से ढकने की सलाह दी गई है। फल पौधों की नर्सरियों को कोहरे से बचाने के लिए घास या छायादार जाली से ढकने को कहा गया है।
वे बताते हैं कि यदि पौधे कोहरे से प्रभावित हो जाएं, तो फरवरी के अंत में नई कोंपलें आने से पहले प्रभावित टहनियों की छंटाई इस ढंग से करें कि सूखी टहनी के साथ-2 कुछ हरा भाग भी कट जाए। पौधों की काट-छांट के बाद कापर आक्सीक्लोराइड (3 ग्राम प्रति लीटर पानी में) का छिडकाव करें व कटे हुए भागों पर ब्लाइटॉक्स या बोर्डो पेस्ट (नीला थोथा 800 ग्राम $ चूना 1000 ग्राम/10 लीटर पानी में) का लेप लगाए। नई पत्तियों आने के 15 दिन बाद 0.5 प्रतिशत (5 ग्राम / लिटर पानी) यूरिया के घोल का छिड़काव करें।
डॉ. भारद्वाज ने बागवानों से अपील की कि वे नए बगीचों की स्थापना के लिए अपने नजदीकी विषय विशेषज्ञ (बागवानी) या बागवानी विकास अधिकारी अथवा बागवानी विस्तार अधिकारी की सलाह लें। इसके साथ ही सरकार द्वारा चलाई जा रही पुनः गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना के अन्तर्गत अपने फल-पौधों का बीमा करवाएं ताकि बागवानों को उपज में होने वाली संभावित क्षति से होने वाले आर्थिक नुकसान की भरपाई की जा सके।
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अजौली में विशेष ग्राम पंचायत बैठक 19 दिसम्बर को
ऊना, 16 दिसम्बर। ग्राम चौपाल कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए विकास खंड ऊना की ग्राम पंचायत अजौली में 19 दिसम्बर को सुबह 9 से 1.30 बजे तक आधे दिन की विशेष ग्राम पंचायत बैठक आयोजित की जाएगी। यह आदेश उपायुक्त जतिन लाल ने हिमाचल प्रदेश पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 5(1) और हिमाचल प्रदेश पंचायती राज (सामान्य) नियम 1997 के नियम 9(2) के तहत जारी किए गए हैं।
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शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ऊना जिला के एक दिवसीय प्रवास पर
ऊना, 16 दिसम्बर। हिमाचल प्रदेश शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर 17 दिसम्बर को ऊना जिला के एक दिवसीय प्रवास पर होंगे। इस दौरान शिक्षा मंत्री प्रातः 11 बजे राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला भरवाईं में आयोजित होने वाले वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह में बतौर मुख्यातिथि शिरकत करेंगे। यह जानकारी सरकारी प्रवक्ता ने दी। उन्होंने बताया कि शिक्षा मंत्री सायं 7 बजे धर्मशाला में आयोजित होने वाली कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल हांेगे।
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विशेष प्रचार अभियान 18 दिसम्बर से
ऊना 16 दिसम्बर: राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जाति के कल्याणार्थ संचालित विभिन्न योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करने के लिए सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग द्वारा 18 दिसम्बर से 23 दिसम्बर तक ज़िला ऊना में विशेष प्रचार अभियान चलाया जा रहा है। यह जानकारी देते हुए सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इस अभियान में ज़िला के विभिन्न अनुसूचित जाति बहुल स्थानों पर कुल 24 सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं जिनके माध्यम से लोगों को इन योजनाओं बारे जागरुक किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि 18 दिसम्बर को ऊना निर्वाचन क्षेत्र के गांव सासन व बसोली अप्पर और गगरेट के धवाली व चतेहड़ बूहला गांवों में कार्यक्रम आयोजित होंगे। 19 दिसम्बर को ऊना विस क्षेत्र के गांव बटूही व कुरियाला जबकि गगरेट के गांव गगरेट अप्पर व डंगोह में कार्यक्रम होंगे। 20 दिसम्बर को चिंतपुर्णी विस क्षेत्र के गांव लडोली व भवारन कंदरोही जबकि ऊना विस क्षेत्र के गंाव जखेड़ा व हरोली विस क्षेत्र के भदसाली गांव में लोगों को सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम जागरुक किया जाएगा। इसी अभियान के चौथे दिन सांस्कृतिक कला जत्थों द्वारा 21 दिसम्बर को चिंतपूर्णी विस क्षेत्र के गांव अम्बटिल्ला व चौकी में और हरोली विस के गांव कुंगड़त व खड्ड खास में कार्यक्रम होंगे। 22 दिसम्बर को हरोली विस के गांव सलोह व दुलैहड़ अप्पर, गगरेट विस के गांव पिरथीपुर तथा चिंतपूर्णी के गांव घंघरेट में कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। जबकि अभियान के छठे और अन्तिम दिन 23 दिसम्बर को कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र के गांव पंसाई, बौल, मोहखास व परोइयां में गीत संगीत व नाटकों के माध्यम से लोगों को मनोरंजन के साथ जनहित में संचालित योजनाआंे बारे जानकारी दी जाएगी।
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भैंस के पेट से निकाले नौ प्लास्टिक के लिफाफे और लोहे की तार, क्षेत्रीय पशु चिकित्सालय बरनोह में सफल ऑपरेशन

ऊना, 16 दिसंबर। ऊना जिले के क्षेत्रीय पशु चिकित्सालय बरनोह में डॉक्टरों की एक कुशल टीम ने एक भैंस के पेट से नौ प्लास्टिक के लिफाफे और लोहे की तार निकालने में सफलता प्राप्त की। यह ऑपरेशन बरनोह अस्पताल में
‘डायफ्रगमेटिक हर्निया’ का 40वां सफल ऑपरेशन था। भैंस अब पूरी तरह से स्वस्थ है और उसे उसके मालिक के पास वापस सौंप दिया गया है। पशु की निरंतर निगरानी डॉक्टरों की टीम द्वारा की जा रही है।

इस ऑपरेशन की अध्यक्षता ऊना जिले के पशु स्वास्थ्य एवं प्रजनन विभाग के उप निदेशक डॉ. विनय कुमार शर्मा ने की। ऑपरेशन करने वाली डॉक्टरों की टीम में डॉ. निशांत रनौत, डॉ. शिल्पा गुप्ता, डॉ. निकिता चौधरी और सहयोगी टीम के सदस्य रमेश चन्द, सिमरन, गोपाल दास, एकता, रिशिका, धीरज, भरत भूषण, अमरजीत, मुकेश, सावन और रोहित शामिल थे।

डॉ. विनय कुमार शर्मा ने बताया कि इस तरह के ऑपरेशन पहले केवल लुधियाना में यूनिवर्सिटी स्तर पर ही किए जाते थे, लेकिन अब यह सुविधा ऊना जिले के क्षेत्रीय पशु चिकित्सालय में भी उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि यहां सालभर से शुरू इस सेवा का ऊना जिले के अलावा आसपास के जिलों जैसे हमीरपुर, बिलासपुर, कांगड़ा, सोलन और पंजाब के पशुपालकों को भी लाभ मिल रहा है, और वे अपने पशुओं का इलाज यहां करवा चुके हैं. यह अस्पताल में डायफ्रगमेटिक हर्निया का 40वां सफल ऑपरेशन था।
इसके अलावा, क्षेत्रीय पशु चिकित्सालय बरनोह में खून की जांच, दूध की जांच, और विभिन्न प्रकार की सर्जरी की सुविधाएं उपलब्ध हैं। साथ ही, पशु प्रजनन से संबंधित समस्याओं के उपचार के लिए अल्ट्रासाउंड की भी सुविधा प्रदान की जाती है।

उन्होंने बताया किऑपरेशन के पहले चरण में भैंस के पेट से नौ प्लास्टिक के लिफाफे और लोहे की तार निकाले गए, जबकि दूसरे चरण में भैंस को पूरी तरह से बेहोश करके छाती में छेद को सिला गया। इस सफल ऑपरेशन को संभव बनाने के लिए डॉ. निशांत रनौत ने उप निदेशक डॉ. विनय कुमार शर्मा को मार्गदर्शन और समय पर मिले समुचित सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।
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कंप्यूटर एवं सिलाई प्रशिक्षण के लिए आवेदन 31 तक आमंत्रित
ऊना, 16 दिसम्बर। हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति विकास निगम ऊना द्वारा वर्ष 2024-25 के लिए अनुसूचित जाति से संबंध रखने वाले युवक-युवतियों को निगम की व्यवसायिक प्रशिक्षण योजना के तहत कंप्यूटर एवं सिलाई प्रशिक्षण के लिए आवेदन 31 दिसम्बर तक मांगे हैं। यह जानकारी जिला प्रबंधक अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति विकास निगम ऊना विपन कुमार ने दी।
ये रहेंगी शर्तें
विपन कुमार ने बताया कि आवेदक जिला ऊना का स्थाई निवासी, अनुसूचित जाति से संबंध रखने वाला, परिवार की समस्त साधनों से वार्षिक आय 35 हज़ार से अधिक नहीं होनी चाहिए तथा आईआरडीपी/बीपीएल परिवार से संबंधित होना चाहिए। इसके अलावा आवेदक ने रोजगार भत्ता/कौशल विकास भत्ता प्राप्त नही किया हो, इसका शपथ पत्र भी देना होगा। इच्छुक अभ्यर्थी संबंधित दस्तावेजों की सत्यापित प्रतियों सहित सादे कागज पर प्रार्थना पत्र किसी भी कार्य दिवस पर निगम कार्यालय ऊना में 31 दिसम्बर तक जमा करवा सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए जिला प्रबंधक अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास निगम ऊना कार्यालय के दूरभाष नम्बर 01975-223694 पर सम्पर्क कर सकते हैं।