इंदौरा क्षेत्र में चीनी मिल स्थापित करने की संभावनाएं तलाशी जाएंगी: डीसी
कृषि विभाग तथा एसडीएम इंदौरा को रिपोर्ट तैयार करने के दिए निर्देश
शूगर मिल विशेषज्ञों से वर्चुअल माध्यम से की विस्तार से चर्चा
धर्मशाला, 14 फरवरी। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुसार इंदौरा क्षेत्र में शूगर मिल स्थापित करने की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में गन्ना उत्पादन को बढ़ावा मिल सके और किसानों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत हो सके। इस बाबत शुक्रवार उपायुक्त कार्यालय परिसर के सभागार में एक आवश्यक बैठक भी आयोजित की गई। उपायुक्त ने कृषि विभाग तथा एसडीएम को सभी बिंदुओं वित्तीय प्रावधानों, गन्ना उत्पादन के जमीन की उपलब्धता सहित तकनीकी संसाधनों का अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।
उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि इंदौरा तथा इसके आसपास के क्षेत्रों में गन्ना उत्पादन के लिए बेहतर जलवायु तथा तापमान रहता है, कई जगहों पर भूमि भी बंजर तथा किसानों को गन्ना उत्पादन की तरफ से प्रेरित करने के लिए कृषि विभाग को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं इसके साथ ही शूगर मिल के लिए गन्ना उत्पादन एवं बीज की बेहतर किस्मों की संभावनाओं पर भी आवश्यक रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा गया है। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि शूगर मिल स्थापित करने के लिए इंदौरा क्षेत्र में कृषि विभाग के पास जमीन भी उपलब्ध है।
उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि इंदौरा क्षेत्र में अभी तक 719 हेक्टेयर में गन्ने की खेती की जा रही है लेकिन किसानों को गन्ना लेकर पड़ोसी राज्यों की चीनी मिल में जाना पड़ता है। अपने ही प्रदेश में चीनी मिल शुरु होने से किसानों को गन्ना बेचने के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। यहाँ के अधिकांश किसान मुकेरियन सुगर मिल, होशियारपुर, पंजाब या जम्मू की तरफ का रूख करना पड़ता है। इस स्थिति को देखते हुए सरकार के निर्देशों के मुताबिक कांगड़ा जिला के इंदौरा में चीनी मिल स्थापित करने की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में गन्ना किसानों को सहुलियत देने और चीनी कारोबार को बढावा देने के लिए सरकार प्रतिबद्द है। इस अवसर शूगर मिल के उत्पादन को लेकर विशेषज्ञों के साथ वर्चुअल माध्यम से विस्तार से चर्चा भी की गई। इस अवसर पर एडीसी विनय कुमार सहित उद्योग विभाग, कृषि विभाग, बागबानी विभाग तथा सहकारिता विभाग से अधिकारी भी उपस्थित रहे।
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पीएनजी का धर्मशाला सहित अन्य शहरों में नेटवर्क स्थापित करने के निर्देश
देहरा में सिटी गैस नेटवर्क का कार्य में हो गया है आरंभ: एडीसी
धर्मशाला 14 फरवरी। अतिरिक्त उपायुक्त विनय कुमार ने कहा कि कांगड़ा जिले में पाइप्ड प्राकृतिक गैस (पीएनजी) की ज्वालाजी, कांगड़ा, पालमपुर और धर्मशाला शहर में सीजीडी नेटवर्क स्थापित करने की संभावनाओं की जांच करने के निर्देश खाद्य आपूर्ति विभाग को दिए गए हैं।
इस बाबत एडीसी के कार्यालय में खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता कांगड़ा के अतिरिक्त उपायुक्त श्री विनय कुमार ने कि देहरा में सिटी गैस नेटवर्क का कार्य प्रगति पर है, और अन्य शहरों में नेटवर्क के विस्तार को लेकर रणनीति तैयार की जा रही है। उन्होंने कहा कि पीएनजी एलपीजी से ज्यादा सुरक्षित है। नेटवर्क स्थापित होने पर यह लगातार और निर्बाध रूप से मिलती है। इसका इस्तेमाल करने पर आपको उतना ही भुगतान करना होता है, जितना आप इसका इस्तेमाल करते हैं इससे घरेलू बचत की चिंताएं कम होती हैं। यह हवा से हल्की होती है, इसलिए किसी भी रिसाव की स्थिति में यह तुरंत हवा में मिल जाएगी और वाष्पित हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि यह अन्य गैसों की तुलना में अपेक्षाकृत कम जहरीली होती है। उन्होंने कहा कि पीएनजी की आपूर्ति साल भर, 24 घंटे, सप्ताह के सातों दिन उपलब्ध रहती है। पीएनजी के भंडारण की जरूरत नहीं होती है। उन्होंने कहा कि पीएनजी की आपूर्ति पाइपलाइन के जरिए होती है, इसलिए जब भी जरूरत होती है, तुरंत उपलब्ध हो जाती है।
इस अवसर पर आयुक्त नगर निगम पालमपुर डॉ. आशीष शर्मा, एडीइ डीएमसी जोगिंदर सिंह, थिंक गैस से राजेश कुमार, एमसी देहरा अमित कुमार व एमसी ज्वालामुखी से सुद्दाम हुसैन उपस्थित थे।