चण्डीगढ़ 18.02.25: आज श्री चैतन्य गौडिया मठ, सेक्टर 20 में विश्व भर में हरे कृष्णा आंदोलन के प्रणेता श्री भक्त सिद्धांत सरस्वती गोस्वामी ठाकुर प्रभु प्रभुपाद जी का 151वां जन्म महोत्सव बड़ी धूमधाम उमंग-उल्लास व विधिविधान पूर्वक मनाया गया। ये जानकारी चंडीगढ़ मठ के प्रवक्ता जयप्रकाश गुप्ता ने दी। विश्व व्यापी हरे कृष्ण आंदोलन के प्रणेता गौडिया मठ मिशन एवं इस्कॉन जैसी अंतरराष्ट्रीय शुद्ध कृष्ण भक्ति मिशन के प्रणेता श्री भक्ति सिद्धांत सरस्वती ठाकुर गोस्वामी प्रभुपाद जी के जन्म महोत्सव के उपलक्ष पर आयोजित कार्यक्रम में भक्तों को संबोधित करते हुए चंडीगढ़ श्री चैतन्य गौडिया मठ के त्रिदंडी स्वामी बामन जी महाराज जी ने बताया कि आज ही के दिन आज से लगभग डेढ़ सौ वर्ष पूर्व प्रभुपाद ने विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ पुरी शहर में सन 1874 में श्री भक्ति विनोद ठाकुर जी के घर में बालक के रूप में जन्म लिया, इनके पिता श्री भक्त विनोद ठाकुर जी तत्कालीन सरकार में सिटी मजिस्ट्रेट के पद पर तैनात थे, उस समय सिटी मजिस्ट्रेट का पद बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता था। बालक का नाम विमल प्रसाद रखा गया, यह बचपन से ही अति कुशाग्र बुद्धि थे, 7 साल की छोटी उम्र में ही उन्हें पूरी भागवत गीता पूरी तरह से कंठस्थ कर ली थी, बाल्यावस्था से ही उन्हें धार्मिक ग्रंथ और धार्मिक विचारों में बहुत अधिक रुचि थी, लेकिन इसके बावजूद भी इन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त की, उन्हें अंग्रेजी बांग्ला उड़िया भाषा पर पूरी तरह से उनकी पकड़ थी, वह अपने समय के ज्योतिष विद्या के प्रख्यात विद्वान माने जाते थे, उच्च शिक्षा प्राप्त होने के बावजूद भी उन्होंने उन्होंने अपने समय के श्रेष्ठ शुद्ध कृष्ण भक्त लेकिन निरक्षर श्री गौर किशोर दास बाबा जी से हरि नाम दीक्षा प्राप्त की थी, उन्होंने 100 करोड़ निरंतर हरि नाम का जाप करने के बाद 64 गौडिया मठों की स्थापना कर जाति धर्म का भेदभाव किए बिना पूरे दुनिया में हरे कृष्णा शुद्ध कृष्ण भक्ति का संदेश पहुंचा, आज उनके ही प्रेरणा से पूरी दुनिया भर में हरे कृष्णा संकीर्तन का आंदोलन गूंज रहा है