चण्डीगढ़:18.02.25- उत्तराखंड पर्वतीय सभा, बलटाना, ढकोली,जीरकपुर ने आज यहाँ रोतेलु मुल्क सांस्कृतिक संध्या का आयोजन सैनी विहार, फेज 4 बलटना में किया जिसमें उतराखंड की सुप्रसिद्ध लोक-गायिका हेमा नेगी करासी ने एक से बढ़कर एक उतराखंडी लोक गीतों की प्रस्तुति से विशाल जनसमूह को मन्त्रमुग्ध किया।
सभा के प्रधान रणजीत सिंह भंडारी बताया कि पंचकुला, मोहाली, चंडीगढ़ के गढ़वासियों ने उतराखंडी लोकगीतों का जमकर आनंद उठाया।लोकगायिका हेमा नेगी करासी ने कार्यक्रम की शुरुआत देव स्तुति 'जय नंदा मेरी माता भवानी' व 'जाग रे बाबा मेरा नरसिंघा' से किया। उसके बाद गीतों एक से बढ़-कर एक गीतों की वो झड़ी लगी कि माहौल देखते ही बनता था। नेगी ने जब सुप्रसिद्ध गीत “बिरजू तेरी नाख्रिरयाली माया न बिरजू मेरु मन कोलिख्या”, “संजू का बाबा” मेरी बामाड़ी” भालू गलदू मेरु मुल्क स्वनु गीत गाया तो गढ़समाज के लोग अपने आप को नाचने से रोक न सके। दूसरी तरफ उतराखंडी ढोल-दमाउ, मुस्कबाज ने अलग ही रंगत लगा रखी थी। नौजवान युवक, युवतियां रंग बिरंगी उतराखंडी पोशाक में धमाल मचा रहे थे, तो वहीं दूसरी तरफ बुजर्ग उनको उतराखंडी लोक नृत्य की शिक्षा दे रहे थे। सभा के महासचिव बीरेंदर सिंह कंडारी ने गढ़समाज के नौजवानों से आह्वान किया कि वे नौकरी लगने के बजाए नौकरी देने वाले बने व अपनी लोक संस्कृति का सम्मान करें।