बैंकर्स ऋण जमा अनुपात में सुधार पर करें फोक्स: डीसी
बैंकों की जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक का आयोजित
धर्मशाला, 18 मार्च। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने सभी बैंकर्स को अपने जमा ऋण अनुपात में सुधार के लिए प्लान तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ सभी बैंक अधिकारियों को शिक्षा ऋण एवं कृषि ऋण बढ़ाने के निर्देश दिए।
मंगलवार को डीआरडीए सभागार में बैंकों की जिला स्तरीय सलाहकार (डीएलआरसी) एवं समन्वय समिति (डीसीसी) तथा जिला स्तरीय समीक्षा समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त हेमराज बैरवा ने जिले में कार्यरत सभी बैंकों द्वारा क्रियान्वित की जा रही सरकार की गरीबी उन्मूलन योजनाओं के अन्तर्गत हुई प्रगति तथा वार्षिक ऋण योजना 2024-25 के अंतर्गत दिसम्बर 2024 तक के लक्ष्यों तथा उपलब्धियों की समीक्षा की।
उन्होने बैंको से आशा जताई कि वे जिले के आर्थिक विकास में अपने दायित्वों को समझते हुए ज्यादा से ज्यादा ऋण प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को देंगे व लोगों के आर्थिक स्तर को ऊंचा उठाने में सहयोग करेंगे। उन्होंने बताया कि जिले में वित्तीय वर्ष 2024-25 मे दिसंबर 2024 के अंत तक प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र में बैंकों ने 61.90 प्रतिशत की दर से तथा गैर प्राथमिकता क्षेत्र में 298.89 प्रतिशत की दर से लक्ष्यों की प्राप्ति की है। उन्होने बैंको से आशा जताई कि वे जिले के आर्थिक विकास में अपने दायित्वों को समझते हुए ज्यादा से ज्यादा ऋण प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को देंगे व लोगों के आर्थिक स्तर को ऊंचा उठाने में सहयोग करेंगे।
जिले में वित्तीय वर्ष 2024-25 मे दिसंबर 2024 के अंत तक कृषि क्षेत्र में 1619.44 करोड़ रुपये, सूक्ष्म मध्यम व लघु उद्यमों में 3408.51 करोड़ रुपये के ऋण वितरित किए है। जिले के बैंको ने किसान क्रेडिट कार्ड योजना के अन्तर्गत लगातार वृद्धि दर्ज की है तथा वित्तीय वर्ष 2024-25 मे दिसंबर 2024 के अंत तक कुल 29740 किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए हैं। उन्होने आगे बताया कि जिला में कार्यरत सभी बैंक शाखाओ को इस आशय के निर्देश भेजे जा चुके हैं कि वे शेष बचे किसानों को भी किसान क्रेडिट कार्ड जारी करना सुनिश्चित करें।
अग्रणी जिला प्रबंधक ने रखा ब्योरा
बैठक का संचालन करते हुए अग्रणी जिला प्रबंधक तिलक राज डोगरा ने बताया कि जिला कांगड़ा के ऋण वितरण में बैंकों का वार्षिक ऋण योजना 2024-25 (01-04-2024 से 31.03.2025 तक) का लक्ष्य 7322.28 करोड़ रुपये था, जिसे सितम्बर तिमाही के अंत तक बैंकों ने 6425.66 करोड़ रुपये के ऋण वितरण करके 87.75 प्रतिशत की दर से अपने लक्ष्यों की प्राप्ति की है। दिसंबर तिमाही तक जिला में सभी बैंको ने मिलके 44174.26 करोड़ राशि जमा की और 11576.81 करोड़ का ऋण दिया, वहीं जमा ऋण अनुपात 26.21 प्रतिशत रही। तिलक राज डोगरा ने बैंकों, विभागों और अन्य हितधारकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला, जो बुनियादी ढांचे की कमी को दूर करने और वित्तीय संसाधनों के प्रभावी उपयोग को सुनिश्चित करने में योगदान कर सकते हैं।
यह रहे उपस्थित
इस अवसर पर मंडल प्रमुख (पीएनबी) संजय धर, एलडीओ आरबीआई शिमला तरुण चैधरी, तथा सभी विभागाध्यक्ष एवं प्रतिनिधि, सरकारी अधिकारी, कार्पोरेशन व विकास प्राधिकरण तथा बैंक अधिकारी उपस्थित रहे।

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एचपी एसडीआरएफ ने उत्तर क्षेत्र में हासिल किया पहला स्थान
धर्मशाला 18 मार्च 2025। हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एचपी-एसडीआरएफ) ने 17 से 18 मार्च 2025 तक गाजियाबाद में 8वीं बटालियन, एनडीआरएफ परिसर में आयोजित क्षेत्रीय स्तर (उत्तर क्षेत्र) एसडीआरएफ प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया। यह जानकारी देेते हुए एसडीआरएफ के समन्वयक सुनील राणा ने देते हुए बताया कि विभिन्न राज्यों की सात एसडीआरएफ टीमों के बीच प्रतिस्पर्धा करते हुए, एचपी-एसडीआरएफ ने प्रथम स्थान हासिल किया, जिससे उनकी उत्कृष्ट कौशल, समन्वय और आपदा प्रतिक्रिया क्षमता प्रदर्शित हुई। उत्तराखंड एसडीआरएफ ने दूसरा स्थान और दिल्ली एसडीआरएफ ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।
एचपी-एसडीआरएफ टीम का नेतृत्व इंस्पेक्टर भग सिंह ने टीम प्रभारी के रूप में किया, और टीम के सदस्य मंडी, कांगड़ा और शिमला कंपनियों से थेरू हेड कांस्टेबल बबली कुमार, हेड कांस्टेबल बलविंदर ठाकुर, कांस्टेबल रमन कुमार, कांस्टेबल विशाल राणा, कांस्टेबल रजनीश कुमार, कांस्टेबल अरविंद कुमार, कांस्टेबल दीपक, कांस्टेबल गुरु दत्त, कांस्टेबल नवीन कुमार, कांस्टेबल छब्बील नेग, कांस्टेबल हिमांशु चैधरी, कांस्टेबल गुरसिमरन सिंह, कांस्टेबल अमन दरोच, और कांस्टेबल अक्षय कुमार।
इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के साथ, एचपी-एसडीआरएफ ने राष्ट्रीय स्तर की सीएसएसआर प्रतियोगिता के लिए अर्हता प्राप्त की है, जो 1 अप्रैल से 5 अप्रैल 2025 तक 8वीं बटालियन, एनडीआरएफ, गाजियाबाद में आयोजित की जाएगी।
यह उल्लेखनीय प्रदर्शन एचपी-एसडीआरएफ कर्मियों के उच्च स्तर के प्रशिक्षण, समर्पण और पेशेवरिता को रेखांकित करता है, जो आपदा प्रतिक्रिया और बचाव कार्यों में उत्कृष्टता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को और मजबूत करता है।