चंडीगढ़, 19 मार्च 2025 - हरियाणा के राज्यपाल व महर्षि संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री बंडारू दत्तात्रेय ने युवाओं को सफलता का मूल मंत्र देते हुए कहा कि वे अपने जीवन में तकनीक, आविष्कार व अनुसंधान में दक्षता प्राप्त कर सफलता हासिल करें। उन्होंने संस्कृत के महत्व को बताते हुए कहा कि भारत में लगभग सभी भाषाओं का मूल संस्कृत भाषा में है। यह हर्ष का विषय है कि अब संस्कृत भाषा का प्रचार-प्रसार बढ़ रहा है।
राज्यपाल बुधवार को आरकेएसडी कॉलेज के सभागार में आयोजित महर्षि संस्कृत विश्वविद्यालय, कैथल के प्रथम दीक्षांत समारोह में 527 स्नातकों व स्नातकोत्तर की डिग्री प्रदान करने के बाद समारोह को संबोधित कर रहे थे। समारोह की अध्यक्षता करते हुए राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने विद्यार्थियों को दिए अपने संदेश में कहा कि संस्कृत भाषा ज्ञान का भंडार है। जो देश के लिए बहुत उपयोगी है। युवा आज केवल नौकरी के पीछे न भागें बल्कि संकल्प लें कि वे नौकरी देने वाले बनेंगे। स्वयं का उदहारण देते हुए महामहिम ने कहा कि वे सामान्य घर से आते हैं, लेकिन उनकी माता के अधिक से अधिक पढ़ाई करवाने के संकल्प की बदौलत वे आज राज्यपाल के पद पर हैं। जीवन में शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है। इसमें भी जितना अधिक गुणवत्तापूर्वक उच्च शिक्षा होगी, देश उतना ही तरक्की करेगा। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में पहली बार नई शिक्षा नीति में हिंदी व मातृ भाषा में कोर्स सीखने की शुरुआत की गई है। विद्यार्थी हिंदी व मातृ भाषा में भी सारे कोर्स कर सकेंगे, ऐसा दिन जल्द आने वाला है। इससे जो गरीब बच्चे अंग्रेजी नहीं पढ़ पाते, वे बच्चे भी उच्च शिक्षा हासिल कर सकेंगे। हरियाणा सरकार ने भी मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के फैसले अनुसार शिक्षा के लिए बजट में महत्वपूर्ण प्रावधान किए हैं।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में रिसर्च जितना अधिक होगा, शिक्षा उतनी अधिक महत्वपूर्ण होगी। संस्कृत का स्थान भी आगे बढ़ना चाहिए। संस्कृत जितना आगे बढ़ेगी, देश उतना ही आगे बढ़ेगा। युवा अपनी भाषा में पढ़ने व बात करने में हीन भावना न लाएं बल्कि आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ें। विकसित भारत के लिए भारत के सांस्कृतिक ज्ञान को विश्व में ले जाना होगा। उन्होंने कहा कि आप अपने जीवन में हमेशा ऊँचा लक्ष्य रखें। उन्हें हालिस करने में अनेक चुनौतियां सामने आऐगी, लेकिन इनसे घबराने की बजाए दृड़ता के साथ आगे बढ़ें। उन्होंने सभी युवाओं का आह्वान किया कि वे संस्कृत भाषा का अध्ययन कर इसमें अनुसधान करें। वे वेद, पुराण, रामायण व महाभारत के ज्ञान को लोगों तक ले जाने में अपना योगदान दें। उन्होंने विश्वविद्यालय की सराहना करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय संस्कृत भाषा में सात स्नातक, आठ स्नातकोत्तर एवं पांच डिप्लोमा पाठ्यक्रम चलाने में सफल रहा है। इस समय विश्वविद्यालय में वेद, ज्योतिष, संस्कृत, व्याकरण, दर्शन, हिंदू अध्ययन, धर्मशास्त्र, योग और साहित्य के पाठ्यक्रम चल रहे हैं। योग, वास्तु शास्त्र, कर्मकांड और ज्योतिष में डिप्लोमा कार्यक्रम भी विश्वविद्यालय द्वारा संचालित किए जा रहे हैं।
राज्यपाल ने समारोह में पांच पुस्तकों व एक शोधपत्र का विमोचन किया और बधाई देते हुए कहा कि इन पुस्तकों में समाहित ज्ञान देश को आगे ले जाएगा। उन्होंने संस्थान द्वारा चलाए गए अभियान व विद्यार्थियों के कल्याण की योजनाओं की सराहना की। साथ ही कहा कि आज दीक्षांत समारोह के दौरान 180 छात्राओं डिग्री मिली है, यह महिला उत्थान का सराहनीय कार्य है। यह भी हर्ष का विषय है कि जिले का नेतृत्व एक महिला अधिकारी कर रही हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय अधिकारियों का आह्वान किया कि अगले साल दीक्षांत समारोह विश्वविद्यालय परिसर में ही आयोजित किया जाए। इसके लिए 40 करोड़ की लागत से बनाए जा रहे भवन का निर्माण कार्य जल्द पूरा किया जाए।
समारोह की अध्यक्षता हरियाणा के राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री बंडारू दत्तात्रेय ने की और विशिष्ट अतिथि के रूप में हरियाणा केन्द्रीय विश्वविद्यालय, महेन्द्रगढ़ के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार तथा सारस्वत अतिथि के रूप में सोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय, गुजरात के कुलपति प्रो. सुकांत कुमार सेनापति उपस्थित रहे। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रमेश चन्द्र भारद्वाज ने राज्यपाल एवं सभी सम्मानित अतिथियों का स्वागत किया। यह विश्वविद्यालय का प्रथम दीक्षांत समारोह है, जिसमें वर्ष 2019 से 2024 के दौरान सभी परीक्षाओं में उत्तीर्ण विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गई। कुल 527 विद्यार्थियों में 131 स्नातक/शास्त्री, बीए और 396 स्नातकोत्तर में आचार्य, एमए की परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके विद्यार्थी शामिल रहे। इस अवसर पर 38 सर्वोत्कृष्ट विद्यार्थियों को उनके उत्कृष्ट शैक्षिक प्रदर्शन के लिए स्वर्ण पदक से भी सम्मानित किया गया।
इससे पूर्व हेलीपेड पर पहुंचने पर डीसी प्रीति एवं एसपी राजेश कालिया ने महामहिम राज्यपाल का अभिनंदन किया। वहीं समारोह में विश्वविद्यालय के शैक्षणिक अधिष्ठाता प्रो. सत्य प्रकाश दुबे, कुलसचिव प्रो. संजय गोयल, परीक्षा नियंत्रक प्रो. भाग सिंह बोदला सहित विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद, शिक्षा परिषद एवं कोर्ट के सदस्यों सहित कैथल के प्रतिष्ठित महानुभाव और मीडियाकर्मी मौजूद रहे। समारोह राष्ट्रगान के साथ संपन्न हुआ।