बजट सत्र के दसवें दिन चिराग योजना पर दिए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर बोलते हुए अर्जुन चौटाला ने प्राइवेट स्कूलों द्वारा फीस माफी के अलावा स्कूल की किताबें, बच्चों की यूनिफॉर्म और ट्रांसपोर्टेशन के खर्चे भी फ्री किए जाने पर नीति बनाने बारे सुझाव दिया

सप्लीमेंट्री प्रश्न पूछे: चिराग योजना के तहत कितने प्राइवेट स्कूलों ने मान्यता प्राप्त नहीं की है उनकी सूची जारी की जाए, दूसरा चिराग योजना के तहत प्राइवेट स्कूलों में इस्तेमाल होने वाली किताबें, यूनिफॉर्म और ट्रांसपोर्टेशन फ्री करने का भी कोई प्रावधान है? कितनी ऐसी सरकारी स्कूलों की साइट हैं जिनको मास्टर प्लान बनने के बाद में प्राइवेट निवेशकों को बेची गई हैं?

कहा - जो गरीब बच्चा 1100 रूपए फीस नहीं दे सकता वो किताबों और यूनिफॉर्म पर खर्च होने वाले हजारों रूपए कहां सेे लाएगा

चंडीगढ़, 26 मार्च। बुधवार को बजट सत्र के दसवें दिन सत्र के दौरान इनेलो विधायक अर्जुन चौटाला ने सरकार द्वारा गरीब बच्चों के लिए प्राइवेट स्कूलों में चिराग योजना पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर बोलते हुए कहा कि शिक्षा निदेशालय की ओर से सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को हिदायतें जारी की गई हैं कि एक लाख 80 हजार रूपए सालाना तक आय वाले गरीब बच्चों को चिराग योजना के तहत फीस माफी का लाभ दिया जाए। बावजूद इसके बहुत सारे प्राइवेट स्कूल इस योजना के तहत गरीब बच्चों को दाखिला देने के लिए आनाकानी कर रहे हैं जिसके कारण उन गरीब बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है।
इस पर सप्लीमेंट्री प्रश्न पूछते हुए अर्जुन चौटाला ने कहा कि प्रदेश में ऐसे कितने प्राइवेट स्कूल हैं जिन्होंने चिराग योजना के तहत मान्यता प्राप्त नहीं की है? उनकी सूची जारी की जाए। दूसरा प्रश्न पूछा कि क्या चिराग योजना के तहत प्राइवेट स्कूलों में इस्तेमाल होने वाली किताबें, यूनिफॉर्म और ट्रांसपोर्टेशन फ्री करने का भी कोई प्रावधान है? क्योंकि किताबें, यूनिफॉर्म और ट्रांसपोर्टेशन शुल्क इतने ज्यादा हैं कि जो बच्चा 1100 रूपए फीस नहीं दे सकता वो किताबों और यूनिफॉर्म पर खर्च होने वाले हजारों रूपए कहां से लाएगा? तीसरा प्रश्न पूछा कि मास्टर प्लान के तहत जिन जिन इलाकों में सरकारी स्कूल बनाने के लिए जगह निर्धारित की गई थी उनमें से कितनी साइट ऐसी हैं जो मास्टर प्लान बनने के बाद में प्राइवेट निवेशकों को बेची गई हैं? इसके उपर सरकार एक श्वेत पत्र जारी करे।
अर्जुन चौटाला ने सुझाव दिया कि जो बच्चा 1100 रूपए महीना फीस वहन नहीं कर सकता वो 3-4 हजार रूपए की किताबें और ड्रेस कैसे खरीदेगा? इसलिए चिराग योजना में फीस माफी के अलावा किताबें, यूनिफॉर्म और ट्रांसपोर्टेशन शुल्क का अनुदान भी सरकार द्वारा वहन करने की नीति बनाई जाए।