प्रदेश की कानून व्यवस्था की हालत बेहद दयनीय है: अदित्य देवीलाल

शून्यकाल में सिंचाई संबंधित मुद्दे को उठाया जिनमे दादूपूर नलवी नहर और एसवाईएल के पानी पर अपनी बात रखी

चंडीगढ़, 10 मार्च। विधानसभा में इनेलो पार्टी के विधायक दल के नेता अदित्य देवीलाल ने सदन में प्रश्रकाल के दौरान हरियाणा में 2019 से 2024 तक महिलाओं और अनुसूचित जाति के लोगों के विरूद्ध घटित अपराध जिसमें हत्या, बलात्कार, सामूहिक बलात्कार, अपहरण, डकैती और लूटपाट के दर्ज किए मामलों की संख्या और व्यापारियों तथा आम जनता की सुरक्षा के लिए बनाई गई कोई योजना पर प्रश्र पूछते हुए कहा कि यह सारा मामला गृहमंत्री से संबंधित है और जवाब में बताया गया कि क्राइम को रोकने के लिए एक टास्क फोर्स गठित की हुई है। लेकिन अगर टास्क फोर्स ही क्राइम करने लग जाए तो फिर उसको कौन रोकेगा? प्रदेश की कानून व्यवस्था की हालत बेहद दयनीय है। चूंकि कानून व्यवस्था बनाए रखने का काम सरकार का है और आज जो हालात हरियाणा की कानून व्यवस्था के हैं तो क्या सरकार उसमें कोई संजीदगी रखती है और कोई जवाबदेही तय की गई है?

शून्यकाल के दौरान बोलते हुए अदित्य देवीलाल ने कहा कि आज सबसे ज्यादा अगर कोई भयभीत है तो वो किसान है। सरकार की गलत नीतियों के कारण गलत सिंचाई व्यवस्था को लेकर सबसे ज्यादा मार किसानों को पड़ रही है। भाजपा सरकार की मेरा पानी मेरी विरासत योजना फेल साबित हो चुकी है। लगातार तीसरी बार की बीजेपी सरकार एक योजना ऐसी बता दे कि किसानों को ज्यादा पानी मुहैया करवाने का काम किया हो। कोई नए स्त्रोत पानी के उत्पन्न किए हों। भूजल संकट पर भी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आने वाले भविष्य में जमीनी पानी बहुत नीचे चला जाएगा। इसलिए जितनी भी योजनाएं बरसाती पानी और नहरी सिंचाई से संबंधित हैं उनको बढ़ाना चाहिए। खेती करने के लिए किसानों को सिंचाई के पानी की सख्त जरूरत है लेकिन बीजेपी सरकार ने दादूपुर नलवी नहर जो स्वर्गीय चौ. ओमप्रकाश चौटाला ने बनाई थी उसे उच्च न्यायालय के आदेशों के बावजूद भी तमाम सारे हथकंडे अपनाकर बंद करवा दिया। एसवाईएल के मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला हरियाणा के हक में आ गया तो पंजाब के सारे दल उसके खिलाफ एक हो गए लेकिन बीजेपी की तीसरी बार की सरकार ने आज तक कोई कदम नहीं उठाया। एसवाईएल के पानी के लिए सभी दलों को राजनीति से उपर उठकर हरियाणा के हितों के बारे में सोचना चाहिए। अगर एसवाईएल का पानी मिलेगा तो किसान को ज्यादा सिंचाई के लिए पानी मिलेगा जिससे उसकी ज्यादा फसल होगी और ज्यादा आमदनी होने से उसे कर्जे से निजात मिलेगी। जिन किसानों के वोट लेकर हम यहां विधानसभा में बैठे हैं उससे किसानों को हमसे उम्मीद है कि हम उनकी समस्याओं का समाधान करें।

सभी यूनिवर्सिटी की नियुक्तियों के उपर श्वेत पत्र जारी करे सरकार: अर्जुन चौटाला

हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर द्वारा 5000 रूपए में खरीदे गए स्वामीनाथन अवार्ड की गलत सूचना देने और महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी के अंदर एमबीबीएस के पेपर लीक का मुद्दा पूरे जोरशोर से उठाया

शून्यकाल में रानियां के विधायक अर्जुन चौटाला ने हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर द्वारा 5000 रूपए में खरीदे गए स्वामीनाथन अवार्ड की गलत सूचना देने और महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी के अंदर एमबीबीएस के पेपर लीक का मुद्दा पूरे जोरशोर से उठाया। उन्होंने कहा कि एचएयू के वाइस चांसलर ने बेहद प्रतिष्ठित स्वामीनाथन अवार्ड को उन्हें मिलने का गलत तरीके से भ्रामक प्रचार किया। जबकि सच्चाई यह है कि यह एक फर्जी अवार्ड है जिसे वाइस चांसलर ने एक अनाधिकृत संस्था एग्रीमीट फाउंडेशन से 5000 रूपए में खरीदा और इसका भ्रामक प्रचार किया। असली स्वामीनाथन अवार्ड जो कि कृषि विज्ञान उन्नति ट्रस्ट, दिल्ली द्वारा दिया जाता है जो आजतक सिर्फ 13 लोगों को दिया गया है। लेकिन उन 13 लोगों में एचएयू के वाइस चांसलर का नाम नहीं है। विडंबना यह है कि इसकी तारीफ मुख्यमंत्री तक ने की और इस भ्रामक प्रचार को बीजेपी सरकार ने भी आगे बढ़ाया। सूचना विभाग की वेबसाइट पर डाल दिया गया। उन्होंने कहा कि जो इंसान अपनी सही योग्यता लोगों को नहीं बता सकता तो वो आदमी किसी भी उच्च पद के लायक नहीं है। ये जो खुद की तारीफ करने के लक्षण हैं वो एक आत्ममुग्ध इंसान के लक्षण होते हैं। ऐसे व्यक्ति को वाइस चांसलर के लिए 4 साल के लिए और विस्तार देना ये सरकार और यूनिवर्सिटी के लिए ही नहीं बल्कि लाखों बच्चों के लिए भी गलत संदेश देने का काम करता है। एचएयू के वीसी पर कार्रवाई करते हुए सरकार को तुरंत बर्खास्त कर देना चाहिए। ऐसी और भी कई युनिवर्सिटीज हैं जहां अयोग्य व्यक्तियों को वाइस चांसलर लगाया गया है जिन्होंने झूठे दस्तावेज प्रस्तुत किए हुए हैं। सरकार इनके उपर सख्त से सख्त कार्रवाई करे। इसके अलावा एमडी यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस के पेपर लीक हुए। एक तरफ जहां प्रदेश में फ्री में चिकित्सा देने की आयुष को बढ़ाने की और अच्छे डॉक्टर की वहां जब एमबीबीएस के पेपर लीक होते हैं तो यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन यूनिवर्सिटीज का कितना बुरा हाल है। आज सभी यूनिवर्सिटीज में पारदर्शिता की सख्त जरूरत है और मुख्यमंत्री से अपील है कि सभी यूनिवर्सिटीज की नियुक्तियों के उपर एक श्वेत पत्र जारी करे। हर साल सभी यूनिवर्सिटीज की प्रोग्रेस रिपोर्ट प्रदेश की जनता के सामने रखी जानी चाहिए।