धर्मशाला, 21 मार्च। एड्स और टीबी के विरूद्ध चल रही लड़ाई को और अधिक कारगर बनाने के लिए बीमारी से जूझ रहे अथवा असुरक्षित लोगों में आत्मबल बढ़ाने का काम अधिकारियों को करना चाहिए। लघु सचिवालय धर्मशाला के कैबिनेट हॉल में बीडीओ, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, जिला कार्यक्रम अधिकारी, सीडीपीओ और जिला व तहसील कल्याण अधिकारियों के लिए एचआईवी/एड्स रोकथाम, कलंक और भेदभाव, एचआईवी/एड्स (रोकथाम और नियंत्रण अधिनियम) 2017 और टीबी मुक्त भारत पर आयोजित कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए अतिरिक्त उपायुक्त विनय कुमार ने यह बात कही। उन्होंने अधिकारियों को लोगों से अधिक से अधिक संपर्क करने और जुड़ने को कहा।

एडीसी ने कहा कि अस्वस्थ होने पर जब हम डॉक्टर के पास जाते हैं तो अंदर से स्थिति कुछ भी हो पर यदि डॉक्टर एक बार कह दे चिंता का विषय नहीं है सब ठीक है, उसी समय हम स्वस्थ महसूस करने लगते हैं। उसी प्रकार एचआईवी/एड्स और टीबी के साथ जी रहे लोगों से बात कर उनका आत्मबल बढ़ाने की दिशा में सबको कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बीमारी से जी रहे या असुरक्षित वर्ग से कोई भी व्यक्ति बिना किसी संकोच के अपनी समस्या को लेकर हमारे पर आ सके, हमें अपने कार्यालय में ऐसा वातावरण विकसित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसी बीमारी होने की स्थिति में लोगों का सही से मार्गदर्शन कर उन्हें उचित उपचार पद्धती की तरफ लाना भी हमारी जिम्मेदारी है।
स्वास्थ्य विभाग धर्मशाला द्वारा अधिकारियों के लिए आयोजित जागरूकता कार्यशाला में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश गुलेरी ने कार्यशाला में पहुंचे अतिथियों का स्वागत कर कार्यशाला के लक्ष्य के बारे विस्तार से बताया। उन्होंने कार्यशाला में पहुंचे अधिकारियों को एचआईवी, एड्स व टीबीमुक्त भारत अभियान में सक्रिय योगदान देने का आह्वान किया। उन्होंने एचआईवी/एड्स एवं टीबीमुक्त अभियान को जनांदोलन बनाने के लिए सभी को खुली चर्चा बढ़ाने व सहयोग देने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि टीबी मुक्त अभियान जनभागीदारी से ही सफल होगा, इसलिए सभी लोग इसमें अपनी प्रतिभागिता सुनिश्चित करें।
डॉ. गुलेरी ने बताया कि एचआईवी की जांच आईसीटीसी केंद्रों में मुफ्त की जाती है और जांच करवाने वाले व्यक्ति की रिपोर्ट और पहचान गोपनीय रखी जाती है। डॉ. गुलेरी ने सभी से एचआईवी एड्स पर लोगो को जागरूक करने व् भ्रम भ्रांतियों को दूर करने, एचआईवी जांच के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने, एचआईवी के साथ जी रहे व्यक्तियों को विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने एवं एचआईवी/एड्स (प्रिवेंशन एवं कंट्रोल) एक्ट 2017 पर जागरूक के लिए सहयोग का अनुरोध किया।
जिला स्वास्थ्य अधिकारी एवं क्षय रोग कार्यक्रम अधिकारी डॉ. राजेश सूद ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा टीबी मरीजों को निक्षय पोषण योजना के अंतर्गत हजार रूपये प्रतिमाह दिया जाता है। डॉ सूद ने बताया कि जिले में निक्षय मित्रों के माध्यम से टीबी के साथ जी रहे व्यक्तियों को मानसिक संबल प्रदान कर उन्हें शीघ्र स्वास्थ्य लाभ देने किये प्रयास जारी हैं।