बजट सत्र के आखिरी दिन प्रदेश में लगातार बढ़ रही कैंसर के मरीजों की संख्या पर दिए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर अर्जुन चौटाला ने पूछे प्रश्न और दिए सुझाव

कैंसर के मरीज को 3 हजार की जगह 1.5 लाख की मदद करे सरकार: अर्जुन चौटाला

सुझाव- कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी, लेप्रोस्कोपी, इम्यूनोथेरेपी, हॉरमोन थेरेपी, टारगेटेड थेरेपी, और स्टेम सेल ट्रांसप्लांट ये सातों ट्रीटमेंट थेरेपी की भी सुविधा सरकार दे तो काफी हद तक कैंसर की बीमारी की रोकथाम की जा सकती है

प्रश्न पूछे: सरकार कैंसर बीमारी की रोकथाम के लिए क्या योजना बना रही है? तथा किन किन अस्पतालों में कैंसर के इलाज के लिए सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई है? इतनी तेजी से कैंसर के बढ़ने के क्या कारण हैं? कैंसर स्क्रीनिंग सुविधाओं और चलाए जा रहे कैंपेन पर सरकार ने क्या खर्च किया है? किस जिला में स्क्रीनिंग को किया जाता है?

चंडीगढ़, 28 मार्च। बजट सत्र के आखिरी दिन प्रदेश में लगातार बढ़ रही कैंसर के मरीजों की संख्या पर दिए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर बोलते हुए अर्जुन चौटाला ने कहा कि सरकार दिन ब दिन बढ़ती जा रही कैंसर बीमारी की रोकथाम के लिए क्या योजना बना रही है? तथा किन किन अस्पतालों में कैंसर के इलाज के लिए सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई है? यह भी बताया जाए कि इतनी तेजी से कैंसर के बढ़ने के क्या कारण हैं?
सप्लीमेंट्री प्रश्न पूछते हुए अर्जुन चौटाला ने कहा कि कैंसर स्क्रीनिंग सुविधाओं के साथ साथ और जो कैंपेन चलाए जा रहे हैं, सरकार ने उन पर क्या खर्च किया है? और किस जिला में स्क्रीनिंग को किया जाता है इनका पूरा विवरण दें।
अर्जुन चौटाला ने कहा कि कैंसर की बीमारी के लिए बेवासिजूमैब इंजेक्शन लगाया जाता है जिसकी कीमत 1.5 लाख रूपए है। यह इंजेक्शन हर 15 से 20 दिनों में लगाया जाता है। ज्यादातर मरीज इतने महंगे इंजेक्शन को खरीदने में असमर्थ हैं। पीजीआई चंडीगढ़ में इस इंजेक्शन की कीमत 15 हजार रूपए है और पंजाब के मुल्लांपुर स्थित कैंसर अस्पताल में इसकी कीमत 30 हजार रूपए है। हरियाणा में जो कैंसर के मरीज तीसरी या चौथी स्टेज पर होते हैं उन्हें सरकार 3000 रूपए आर्थिक मदद देती है। वहीं पंजाब में यह मदद 1.5 लाख रूपए है जिसके कारण कैंसर का मरीज पीजीआई में 10 बार थेरेपी ले सकता है। इसलिए कैंसर के मरीज की आर्थिक मदद बढ़ाई जाए। कैंसर सिर्फ मरीज को ही नहीं बल्कि उसके पूरे परिवार को खत्म कर देता है। सरकार एनएबीएच की गाइडलाइन का अनुसरण करके सभी जिला अस्पतालों को अपग्रेड किया जाए। कैंसर के इलाज के सात तरह के ट्रीटमेंट होते हैं, कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी, लेप्रोस्कोपी, इम्यूनोथेरेपी, हॉरमोन थेरेपी, टारगेटेड थेरेपी, और स्टेम सेल ट्रांसप्लांट। ये सातों ट्रीटमेंट थेरेपी की भी सुविधा सरकार दे तो काफी हद तक कैंसर की बीमारी की रोकथाम की जा सकती है।